इंडिया की टॉप बिज़नेस वूमेन नाम विथ अचीवमेंट –
1) अरुंधती भट्टाचार्य (Arundhati Bhattacharya):
पृष्ठभूमि: अरुंधति भट्टाचार्य का जन्म 18 मार्च 1956 को कोलकाता, भारत में हुआ था। वह एक भारतीय बैंकर हैं और बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति हैं। उन्होंने जड़वपुर विश्वविद्यालय से अपनी बैचलर की डिग्री इंग्लिश लिटरेचर में पूरी की और फिर उसी विश्वविद्यालय से अपनी मास्टर्स डिग्री इंग्लिश लिटरेचर में प्राप्त की।
अरुंधति भट्टाचार्य ने 1977 में प्रशिक्षणार्थी अधिकारी के रूप में भारत के सबसे बड़े और सबसे पुराने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में शामिल हुईं। वर्षों के बीतते जा रहे हैं, उन्होंने संगठन के अंदर विभिन्न दर्जों को चढ़ाई, जिससे उनकी समर्पण और नेतृत्व कौशलों की प्रदर्शनी हुई।
उपलब्धियां: अरुंधति भट्टाचार्य का रोमांचक सरकारी बैंक इंडिया में योगदान भरा रहा:
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की अध्यक्षा: अरुंधति भट्टाचार्य ने अक्टूबर 2013 से अक्टूबर 2016 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्षा के रूप में नियुक्त होकर स्टेट बैंक की पहली महिला बनीं।
चुनौतियों का सामना: अपने कुर्म के दौरान, उन्होंने सफलतापूर्वक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को एक चुनौतीपूर्ण काल में बैंकिंग उद्योग में नेतृत्व करते हुए, एनपीए (गैर-प्रदर्शन करने वाले संपत्तियाँ) जैसे मुद्दों का सामना किया और सतत विकास के लिए रणनीतियों को लागू किया।
पुरस्कार और पहचान: अरुंधति भट्टाचार्य ने बैंकिंग क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए, जिसमें फॉर्ब्स की दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल होना भी शामिल है।
पहल: उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में विभिन्न सुधारों की शुरुआत करने और नवाचारी अभ्यासों का परिचय करवाने में कुशल भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, एसबीआई ने डिजिटल बैंकिंग समाधान को लागू किया और वित्तीय समावेश पर ध्यान केंद्रित किया।
सेवानिवृत्ति के बाद की भूमिकाएँ: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त होने के बाद, अरुंधति भट्टाचार्य ने कॉर्पोरेट विश्व में योगदान देना जारी रखा। उन्होंने सलाहकारी और नेतृत्व भूमिकाओं में विभिन्न बोर्ड और कॉर्पोरेट संस्थानों से जुड़ी रही हैं।
अरुंधति भट्टाचार्य का बैंकिंग क्षेत्र में सफल सफर ने एक नई राह दिखाई है, जिससे कई महिलाएं वित्त और व्यापार में नेतृत्व भूमिकाओं की ओर प्रेरित हुईं हैं। उनकी नेतृत्व शैली, रणनीतिक कुशलता, और कौशल का प्रति प्रतिबद्धता ने भारतीय बैंकिंग उद्योग पर एक दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ा है।
फाल्गुनी नयर भारत की अग्रणी बिजनेसमहिलाओं में से एक हैं। उनका जन्म 1963 में हुआ था। वे भारत की अग्रणी ब्यूटी और वेलनेस इ-कॉमर्स वेबसाइट “नायका” के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। नायका वेबसाइट भारत में सबसे लोकप्रिय ब्यूटी उत्पादों की एक विशेषता है, जो खूबसूरती से संबंधित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। फाल्गुनी नयर के अंदर एक उच्च डिग्री की शिक्षा के बाद वित्तीय क्षेत्र में काम करने का अनुभव रहा है।
उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
नायका ने भारत में ब्यूटी उत्पादों के ई-कॉमर्स उद्यम को बदल दिया है। उनका योगदान ब्यूटी उत्पादों को ऑनलाइन बाजार में उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण रहा है।
फाल्गुनी ने नायका को एक शक्तिशाली ब्रांड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने नायका को सबसे विश्वसनीय ब्यूटी और वेलनेस इ-कॉमर्स ब्रांडों में से एक बनाने में सफलता प्राप्त की है।
फाल्गुनी नयर को फोर्ब्स की पावरफुल वीमेन्स ऑफ एशिया 2017 की सूची में शामिल किया गया था।
उन्हें व्यापार क्षेत्र में उत्कृष्टता के क्षेत्र में सम्मानित किया गया है और उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
फाल्गुनी नयर ने अपने उद्यमी और व्यापारी जीवन में बहुत सारी महत्वपूर्ण योगदान किए हैं और उन्हें भारतीय उद्योग और बिजनेस के क्षेत्र में अग्रणी महिला के रूप में सम्मानित किया जाता है।
4)किरण मजूमदार-शॉ (Kiran Mazumdar-Shaw):
किरण मजूमदार-शॉ का जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियों की सूची इस प्रकार है:
किरण मजूमदार-शॉ: भारतीय जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी व्यक्ति हैं। उन्होंने बायोकॉन लिमिटेड की स्थापना की है, जो भारत की अग्रणी जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है। उनके जीवन में कई महत्वपूर्ण मोमेंट्स हैं, जिनमें उनकी उपलब्धियां शामिल हैं।
उनके प्रमुख उपलब्धियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
बायोकॉन लिमिटेड की स्थापना: किरण मजूमदार-शॉ ने 1978 में बायोकॉन लिमिटेड की स्थापना की, जो भारत की पहली बायोटेक कंपनी बन गई।
वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान: उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान में अपना अद्भुत योगदान दिया है, और भारतीय जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र को एक नया मानक स्थापित किया।
उद्यमिता की प्रतिष्ठा: उन्हें उद्यमिता की क्षमता और नेतृत्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर पहचान है।
प्रमुख सम्मान: किरण मजूमदार-शॉ को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मानों से सम्मानित किया गया है।
सामाजिक योगदान: उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है, और शिक्षा, स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्र में विभिन्न पहलों की स्थापना की है।
ये उपलब्धियां किरण मजूमदार-शॉ के अद्भुत कार्य और योगदान का प्रमाण हैं, जो भारतीय उद्योग को एक नई दिशा में ले जा रहे हैं।
5) प्रीता रेड्डी ( Preetha Reddy ):
प्रीता रेड्डी भारतीय स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक प्रमुख उद्यमिका हैं। उन्होंने अपोलो हॉस्पिटल्स को एक अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनाया है, जो एशिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा संगठन है।
उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ:
अपोलो हॉस्पिटल्स के विकास में योगदान: प्रीता रेड्डी ने अपोलो हॉस्पिटल्स के विकास और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में, अपोलो हॉस्पिटल्स ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।
स्वास्थ्य सेवा में उन्नति का प्रमुख स्तम्भ: प्रीता रेड्डी ने अपने कार्य के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में नई और उन्नत तकनीकों और व्यवस्थाओं को लागू किया है।
उद्यमिता और नेतृत्व: वे उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र में एक प्रेरणास्त्रोत हैं, और उन्हें भारतीय उद्यमियों के रूप में मान्यता मिली है।
सामाजिक योगदान: प्रीता रेड्डी ने अपोलो हॉस्पिटल्स के माध्यम से समाज के कई क्षेत्रों में योगदान किया है, जैसे कि स्वास्थ्य शिक्षा, निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं, और गरीबों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं।
ये उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ हैं जो प्रीता रेड्डी को एक अमिट उद्यमिका और समाज सेविका बनाती हैं।